Tuesday 17 November 2015

This poem is dedicated to all the mothers who have cute and talkative kids..


“मेरा बेटा बहुत ही मासूम और नादान है।
अपनी प्यारी बातों से करता सबको हैरान है।
उम्र में तो छोटा बच्चा है, लेकिन बातों में सबका दादा है।
एकदिन मुझसे आकर बोला, मम्मी मुझको स्कूल नहीं जाना है।
क्योंकि आया इंटरनेट का जमाना है।
ऐसा क्या है जो इंटरनेट को नहीं आता है।
वो तो सभी विषयों का ज्ञाता है।
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जब कोई प्रश्न समझ न आये।
तो सब गूगल देवता की शरण में जाएँ।
छोटी हो या बड़ी, उसके पास है सब समस्याओं का हल।
क्योंकि गूगल में है सब स्कूलों से ज्यादा अक्ल।
अब मुझे स्कूल जाकर टाइम बेस्ट नहीं करना है।
विकिपीडिआ से पढ़कर मुझको साइंटिस्ट बनना है।
उसकी बातों ने किया हम सबको हैरान है।
छोटा सा बच्चा है वो, लेकिन बातों में महान है।
मेरा बेटा बहुत ही मासूम और नादान है।
अपनी प्यारी बातों से करता सबको हैरान है।”
By: Dr Swati Gupta

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