Sunday 29 November 2015

This poem is about Examination Phobia..

परीक्षा का समय निकट है आया।
जोर जोर से दिल धड़क रहा है बेचारा।
अभी तक समय बिताया खेलकूद में सारा।
पढ़ाई के लिए समय न निकाल पाया जरा सा।
अब हुई सांस की गति तेज है,
जैसे ह्रदयगति रुक जाने को है।
सारे विषय नाच रहे है ऐसे।
चिढा रहे हो मुझको जैसे।
मम्मी की शुरू हुई पाबंदिया।
बंद करो खेलकूद में जाना।
टीवी देखना बंद हुआ है सारा।
पढ़ाई से जुड़ा अब नाता हमारा।
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पापा ने है दी चेतावनी।
पास हुए तो मिलेगा गिफ्ट।
फेल हुए तो टाय टाय फिस।
सारा ध्यान हमने पढ़ाई में लगाया।
फालतू बातों से दिमाग को हटाया।
जब परीक्षा का दिन आया।
दही शक्कर माँ ने हमे खिलाया।
पाँव जब हमने छुए माता-पिता के
ढेरों आशीष पाये थे उनके,
हमारी मेहनत और उनके आशीर्वाद ने रंग दिखाया।
परीक्षा में हमने अब्बल नंबर है पाया।
मम्मी पापा बहुत ही खुश है।
दिए हमको ढेर सारे गिफ्ट हैं।
मम्मी की हटी सारी पावन्दिया।
मिल गयी हमारी वापस खुशियां।
By: Dr Swati Gupta

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