“आई दीवाली आई दीवाली,घर घर मे खुशियां लायी दीवाली।
तरह तरह के पकवान बने है, रसगुल्ला, बर्फी, वालूशाई और मेरी पसन्दीदा रसमलाई।
चटपटा भी कुछ कम नहीं है,मठरी, खस्ता और दहीबड़े मुँह में जाने को हैं आतुर।
नीली, पीली, हरी और लाल, लाईटिंग ने किया कमाल।
जगमग जगमग दीप जले हैँ, जैसे हीरे मोती चमके हैं।
मोमबत्तियों ने किया उजाला, सारे अंधकार को है धो डाला।
तरह तरह के पकवान बने है, रसगुल्ला, बर्फी, वालूशाई और मेरी पसन्दीदा रसमलाई।
चटपटा भी कुछ कम नहीं है,मठरी, खस्ता और दहीबड़े मुँह में जाने को हैं आतुर।
नीली, पीली, हरी और लाल, लाईटिंग ने किया कमाल।
जगमग जगमग दीप जले हैँ, जैसे हीरे मोती चमके हैं।
मोमबत्तियों ने किया उजाला, सारे अंधकार को है धो डाला।
हर घर में चहल पहल मची है, ख़ुशियों की एक लहर उठी है।
कोई रंगोली बना रहा है तो कोई घर को सजा रहा है।
हर कोई गणेश लक्ष्मी के स्वागत में हर्षोल्लास दिखा रहा है।
चकरी,अनार, बम और फुलझड़िया, बढ़ा रहे हैँ लोगोँ की खुशियां।
ये खुशियाँ कभी न हो कम, ईश्वर से दुआ करते हैं हम।
ग़रीबों के घर में भी दीवाली हो,किसी की जेब न ख़ाली हो।
ये दीवाली सबकी ख़ुशियों को बढ़ाने वाली हो।
और गम तथा निराशा के अंधकार को मिटाने वाली हो।”
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाए
By: Dr Swati Gupta
Very nice lines
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