Tuesday 26 April 2016

माँ की लोरी

 

माँ की लोरी



मेरी माँ फिर से आज सुना दो वो मीठी मीठी लोरी,
जिसको सुनकर मैं सो जाऊँ,
अपने बचपन में खो जाऊँ,...

तेरे आँचल की छाँव में ममता का मैं हर सुख पाऊँ।
मेरी माँ फिर से आज सुना दो वो मीठी मीठी लोरी।
तेरी गोदी में सिर रखकर, चैन की नींद मै पाऊँ,
दुनिया की हर चिंताओं को पल में भूल मैं जाऊँ,
तेरे मातृत्व की छाया में सारी खुशियाँ मै पाऊँ।
मेरी माँ फिर से आज सुना दो वो मीठी मीठी लोरी।
जिसकी मीठी तान को सुनकर सपनो मे खो जाऊँ।
स्वप्न लोक में जाकर परियों से मिल आऊँ।
उनसे माँ की लोरी नितरोज सुनने का आशीर्वाद मै पाऊँ।
मेरी माँ फिर से आज सुना दो वो मीठी मीठी लोरी।


By:Dr Swati Gupta

Sunday 24 April 2016

मेहनत से अपनी किस्मत वुलंद बनाते हैं

जो मेहनत करते हैं इस जहां में,
वो अपना मुकाम बना ही लेते हैं।
हाथ की लकीरों से किस्मत को नहीं,...
वल्कि अपनी मेहनत से अपनी किस्मत वुलंद बनाते हैं।
और जो करते हैं आलस,वो भाग्यहीन कहलाते हैं।
चींटी एक एक दाना चुगती है, दिनभर मेहनत करती है।
लगातार है काम करती,कभी आलस नहीं दिखाती है।
मेहनत करने वालो की हार कभी नहीं होती है।
ये सीख हमे दे जाती है।
चिड़िया भी तो छोटा छोटा जोड़ कर तिनका,
अपना घर बनाती है।
छोटे से हैं हाथ इसके,लेकिन काम बड़ा कर जाती है।
मेहनत करने वालो की हार कभी न होती है।
ये सीख हमे दे जाती है।


By:Dr Swati Gupta