“मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
वो चिड़ियों का चहकना, कोयल की मीठी तान सुनाना।
रंग बिरंगी तितलियों का फूलों पर मंडराना
और भवरों का गाना बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
सुबह सवेरे जल्दी उठजाना, तैयार होकर स्कूल को जाना।
देर से स्कूल पहुचने पर लेट मार्क लग जाना
फिर डायरी नोट के साथ घर आना, बहुत याद आता है,
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
दोस्तों के संग पार्क में खेलना और बागों में जाना,
आम के पेड़ पे यूँ ही चढ़ जाना, अमरूदों को पेड़ से तोड़कर खाना, बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादो में बुलाता है।
वो चाट के ठेले का टनटन करते हुए आना, उसकी आवाज़ सुनते ही मुँह में पानी आ आना जाना
वो चिड़ियों का चहकना, कोयल की मीठी तान सुनाना।
रंग बिरंगी तितलियों का फूलों पर मंडराना
और भवरों का गाना बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
सुबह सवेरे जल्दी उठजाना, तैयार होकर स्कूल को जाना।
देर से स्कूल पहुचने पर लेट मार्क लग जाना
फिर डायरी नोट के साथ घर आना, बहुत याद आता है,
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
दोस्तों के संग पार्क में खेलना और बागों में जाना,
आम के पेड़ पे यूँ ही चढ़ जाना, अमरूदों को पेड़ से तोड़कर खाना, बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादो में बुलाता है।
वो चाट के ठेले का टनटन करते हुए आना, उसकी आवाज़ सुनते ही मुँह में पानी आ आना जाना
पानीपूरी को चटकारे लेकर खाना, बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।
टीवी पर दूरदर्शन का आना,और सबका टीवी के आगे आकर बैठजाना।
रविवार को सुबह रामायण, शाम को पिक्चर और बुधवार का चित्रहार बहुत याद आता है।
मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है, बार बार मुझे अपनी यादों में बुलाता है।”
By: Dr Swati Gupta
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