“आज हमें धरती को, फिर से स्वर्ग बनाना है।
हरे वस्त्र इसकेआभूषन, फिर से इसे पहनाना है।
प्रदूषण को दूर भगाकर,इसको स्वच्छ बनाना है
नए नए वृछ लगाकर,इसकी सुंदरता को फिर से आज बढ़ाना है।
हरे वस्त्र इसकेआभूषन, फिर से इसे पहनाना है।
प्रदूषण को दूर भगाकर,इसको स्वच्छ बनाना है
नए नए वृछ लगाकर,इसकी सुंदरता को फिर से आज बढ़ाना है।
फूलों की खुशवू से इसको, फिर से आज महकाना है।
अपनी धरती माँ को,फिर से गंदगी से मुक्त कराना है।
स्वच्छ भारत अभियान को, मिलजुल कर सफल बनाना है।
घर घर मे फिर से,ये सन्देश फैलाना है।
रोती हुई धरती माँ को,फिर से आज हँसाना है।
आज हमे धरती माँ को, फिर से स्वर्ग बनाना हैँ।”
अपनी धरती माँ को,फिर से गंदगी से मुक्त कराना है।
स्वच्छ भारत अभियान को, मिलजुल कर सफल बनाना है।
घर घर मे फिर से,ये सन्देश फैलाना है।
रोती हुई धरती माँ को,फिर से आज हँसाना है।
आज हमे धरती माँ को, फिर से स्वर्ग बनाना हैँ।”
By: Dr Swati Gupta
No comments:
Post a Comment