Sunday 29 November 2015

This poem is dedicated to all the fathers who have sweet daughters.

“शाम को जल्दी आना पापा, ढेर सारे खिलौने लाना पापा।
मेरी गुड़िया लाना पापा, जिसके संग में खेलूँगी।
अपनी गुड़िया की इतनी सी बात, तुम भूल न जाना मेरे पापा।
शाम को मुझे घुमाने ले जाना, पार्क में झूला झुलाने ले जाना।
अपनी गुड़िया की खुशियों को, तुम भूल न जाना मेरे पापा।
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स्कूटर पर मुझे सैर कराना, चॉकलेट आइसक्रीम मुझे दिलाना।
अपनी गुड़िया की मस्ती को, तुम भूल न जाना मेरे पापा।
परियों की कहानी मुझे सुनाना,और प्यार से मुझे सुलाना।
मेरी इतनी सी फरमाइश को, तुम भूल न जाना मेरे पापा।
शाम को जल्दी आना पापा, ढेर सारे खिलौने लाना पापा।”
By:Dr Swati Gupta

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