“चेहरे पर मुखोटा लगाये हुए है, इन्सान ने कितने रूप बनाये हुए हैं।
भरोसा जिस जिस पर किया, वही दिल को दुखाये हुए हैं।
खामियां अपनी न बताना किसी को, इस दुनिया में लोग उन्ही खामियों से फायदा उठाये हुए हैं।
किसी को अपना बनाने से पहले जरा विचार करना,
यहाँ अपने भी दुश्मनी का नकाब लगाये हुए हैं।
कल तक दावा करते थे हमसे दोस्ती का,
आज किसी और को दोस्त बनाये हुए हैं।
और फिर हम पर दोस्त न होने का इल्जाम लगाये हुए हैं।
भरोसा जिस जिस पर किया, वही दिल को दुखाये हुए हैं।
खामियां अपनी न बताना किसी को, इस दुनिया में लोग उन्ही खामियों से फायदा उठाये हुए हैं।
किसी को अपना बनाने से पहले जरा विचार करना,
यहाँ अपने भी दुश्मनी का नकाब लगाये हुए हैं।
कल तक दावा करते थे हमसे दोस्ती का,
आज किसी और को दोस्त बनाये हुए हैं।
और फिर हम पर दोस्त न होने का इल्जाम लगाये हुए हैं।
विश्वास हमारा जिसने है तोड़ा, आज वो ही हम पर विश्वासघाती होने का आरोप लगाये हुए हैं।
सिर्फ भगवान पर विश्वास करना तू यहाँ पर,
वर्ना लोग तो यहाँ अपने हजारों रंग दिखाए हुए हैं।
भरोसा जिस जिस पर किया,वही दिल को दुखाये हुए हैं।”
By: Dr Swati gupta
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