मेरा बेटा सबसे प्यारा, मेरी आंखों का वो तारा।
सबसे भोला सबसे न्यारा,मेरा है वो राजदुलारा।
दिनभर मस्ती करता रहता,फिर भी मेरे मन को भाता
उसकी बातें प्यारी लगती, मेरे मन को खुश कर देती।
सुबह सबेरे जब वो उठता, मेरी गोदी में चढ़ जाता।
अपनी नटखट अदाओं से वो, मेरे मन को खूब बहलाता।
मेरा बेटा सबसे प्यारा, मेरी आंखों का वो तारा।
सबसे भोला सबसे न्यारा,मेरा है वो राजदुलारा।
दिनभर मस्ती करता रहता,फिर भी मेरे मन को भाता
उसकी बातें प्यारी लगती, मेरे मन को खुश कर देती।
सुबह सबेरे जब वो उठता, मेरी गोदी में चढ़ जाता।
अपनी नटखट अदाओं से वो, मेरे मन को खूब बहलाता।
मेरा बेटा सबसे प्यारा, मेरी आंखों का वो तारा।
अपने पापा के संग कुश्ती लड़ता, और अपनी ताकत आजमाता।
उसकी इस मासूम अदा पर, हमको बहुत ही प्यार आता।
पापा जब ऑफिस को जाते, उनकी मोटर साईकिल पर चढ़ जाता।
इधर उधर की सैर कराकर, टॉफ़ी चॉकलेट लेकर आता।
मेरा बेटा सबसे प्यारा, मेरी आखों का वो तारा।
अपनी दीदी को तंग करता, फिर भी दीदी को बहुत भाता।
लेकिन जब वो उसकी चोटी खीचे, दीदी को गुस्सा आ जाता।
दीदी जब मारने को आती, मेरे आँचल में छिप जाता।
माफ़ी मांगकर दीदी से,फिर पहले जैसा वो बनजाता।
मेरा बेटा सबसे प्यारा, मेरी आँखों का वो तारा।
By:Dr Swati Gupta
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