फूल सभी को भाते हैं और कांटे दर्द दे जाते हैं।
इसलिए फूलों की इच्छा रखने वाले काँटो को दूर हटाते हैं।
हम नादान ये समझ नहीं पाते है।
काँटे ही फूलों का सहारा बन जाते हैं।
कोई अस्तित्व न होता फूलों का, अगर काँटे साथ न होते।
इसी तरह अगर दुःख का पता न होता,
सुख का अनुभव कैसे कर पाते।
एक सिक्के के दो है पहलू ।
जब दुःख निराशा लेकर आता है।
इसलिए फूलों की इच्छा रखने वाले काँटो को दूर हटाते हैं।
हम नादान ये समझ नहीं पाते है।
काँटे ही फूलों का सहारा बन जाते हैं।
कोई अस्तित्व न होता फूलों का, अगर काँटे साथ न होते।
इसी तरह अगर दुःख का पता न होता,
सुख का अनुभव कैसे कर पाते।
एक सिक्के के दो है पहलू ।
जब दुःख निराशा लेकर आता है।
उसके बाद का सुख फिर सबको भाता है।
खुशबू लेनी है फूलों की तो काँटो को भी सहना सीखो।
खुशियां लेनी है जीवन में सुख की।
तो दुःख से डटकर लड़ना सीखो।
यही सन्देश फूल हम सबको काँटे सहकर समझाकर जाता है।
और जिसने इसपर अमल किया वो जीवन की हर खुशियां पाता है।
By:Dr Swati Gupta
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