Sunday 20 November 2016

छोटे को कभी कम न आंको - I support Narendra Modi


अभी तक सब ये कहते न थकते थे,
रुपये का कोई मोल नहीं है,
एक ही झटके में हज़ार का नोट खत्म हो जाता है,
फिर भी कुछ न आता है,
क्या दम था सबकी बातों में,...

वैल्यू सचमुच खत्म हो गयी,
हज़ार और पाँच सौ के नोटों में,
सौ का नोट सर चढ़ कर बोले,
मांग बढ़ी है इसकी बाज़ारों में,
 
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 सौ की कीमत हुई है हज़ार की,
पर हज़ार की कीमत हुई रद्दी के भाव में,
वक्त बदलते समय न लगता,
छोटे को कभी कम न आंको,
बड़े होने का न करो गुमान,
नोट तो एक बहाना है समझाने का,
बदलना है आज का यहाँ पर हर इंसान।।

 

By:Dr Swati Gupta


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